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श्री वेंकटेश मंगलाशासनम । Sri Venkatesh Manglashasnam-श्रियः कांताय कल्याणनिधये-Sriyh Kantay Kalyannidhaye।

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श्री वेंकटेश मंगलाशासनम् श्री वेंकटेश मंगलाशासनम (hindi/English) श्रियः कांताय कल्याणनिधये निधयेऽर्थिनाम् ।      श्रीवेंकट निवासाय श्रीनिवासाय मंगलम् ॥ लक्ष्मी सविभ्रमालोक सुभ्रू विभ्रम चक्षुषे ।      चक्षुषे सर्वलोकानां वेंकटेशाय मंगलम् ॥ श्रीवेंकटाद्रि शृंगाग्र मंगलाभरणांघ्रये ।      मंगलानां निवासाय श्रीनिवासाय मंगलम् ॥ सर्वावयव सौंदर्य संपदा सर्वचेतसाम् ।      सदा सम्मोहनायास्तु वेंकटेशाय मंगलम् ॥ नित्याय निरवद्याय सत्यानंद चिदात्मने ।      सर्वांतरात्मने शीमद्-वेंकटेशाय मंगलम् ॥ स्वत स्सर्वविदे सर्व शक्तये सर्वशेषिणे ।      सुलभाय सुशीलाय वेंकटेशाय मंगलम् ॥ परस्मै ब्रह्मणे पूर्णकामाय परमात्मने ।      प्रयुंजे परतत्त्वाय वेंकटेशाय मंगलम् ॥ आकालतत्त्व मश्रांत मात्मना मनुपश्यताम् ।      अतृप्त्यमृत रूपाय वेंकटेशाय मंगलम् ॥ प्रायः स्वचरणौ पुंसां शरण्यत्वेन पाणिना ।      कृपयाऽऽदिशते श्रीमद्-वेंकटेशाय मंगलम् ॥ दयाऽमृत तरंगिण्या स्तरंगैरिव शीतलैः ।      अपांगै स्सिंचते विश्वं वेंकटेशाय मंगलम् ॥ स्रग्-भूषांबर हेतीनां सुषमाऽऽवहमूर्तये ।      सर्वार्ति शमन