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जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। Jai Jai Surnayak Jan Sukhdayak |Manas Stuti | मानस स्तुति |

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  पृथ्वी पर  बढ़ते  पापाचार और अत्याचारों से भयभीत होकर धरती ,  ऋषि-  मुनि और समस्त देवता सत्यलोक श्रीब्रह्माजी के पास गये । ब्रह्मा जी ने कहा आप सभी भगवान श्री हरि की शरणागति करें। फिर सभी ने भगवान श्री हरि की वन्दना (स्तुति) की। 'बालकांड' के इस अंश का प्रतिदिन पाठ करने से  लक्ष्मीपति श्रीहरि की कृपा बनी रहती है और चित्त-मन, दिल-दिमाग स्वस्थ, प्रसन्न एवं शान्त रहता है। जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी जय असुरारी सिंधुसुता प्रिय कंता॥ पालन सुर धरनी अद्भुत करनी मरम न जानइ कोई। जो सहज कृपाला दीनदयाला करउ अनुग्रह सोई॥ जय जय अबिनासी सब घट बासी ब्यापक परमानंदा। अबिगत गोतीतं चरित पुनीतं मायारहित मुकुंदा॥ जेहि लागि बिरागी अति अनुरागी बिगत मोह मुनिबृंदा। निसि बासर ध्यावहिं गुन गन गावहिं जयति सच्चिदानंदा॥      जेहिं सृष्टि उपाई त्रिबिध बनाई संग सहाय न दूजा। सो करउ अघारी चिंत हमारी जानिअ भगति न पूजा॥ जो भव भय भंजन मुनि मन रंजन गंजन बिपति बरूथा। मन बच क्रम बानी छाड़ि सयानी सरन सकल सुरजूथा॥      सार...

श्री रामचंद्र कृपालु भज मन हरण भव भय दारुणम् | Sri Ramchandra Kripalu Bhaj मन| मानस स्तुति २| Manas Stuti 2|

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श्री रामचंद्र कृपालु भज मन हरण भव भय दारुणम् | नवकंज लोचन कंज मुख कर कंज पद कन्जारुणम्‌ || कंदर्प अगणित अमित छवि नवनील नीरज सुन्दरम्‌ | पटपीत मानहु तड़ित रुचि शुचि नौमि जनक सुतावरम ||      भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्यवंश निकंदनम | रघुनंद आनंदकंद कौशलचंद दशरथनन्दनम्‌ ||     सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं | आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खरदूषणं ||      इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्‌ | मम हृदय कंज निवास कुरु कामादि खल दल गंजनम्‌ || यह भी पढ़े श्री तुलसीदास जी द्वारा रचित  मानस स्तुति  । जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता  । लिंक :-  https://amritrahasya.blogspot.com/2020/12/manas-stuti.html     मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरो | करुणानिधान सुजान शील सनेह जानत रावरो ||  एहि भाँति गौरि असीस सुनि सिय सहित हिय हरषी अली | तुलसी भवानिहिं पूजि पुनि-पुनि मुदित मन मन्दिर चली || यह भी पढ़ें :- भय प्रगत कृपाला दिन दयाला  लिंक :-   https://amritrahasya.blog...