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जुलाई, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

श्रीविन्ध्येश्वरी स्तोत्रम्-निशुम्भशुम्भमर्दिनीं प्रचण्डमुण्डखण्डिनीम्-Vindhyeshvari Stotram-Nishumbh-Shumbh-Mrdani

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श्रीविन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् :  निशुम्भशुम्भ मर्दिनीं प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनीम्।   वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्।। त्रिशूल मुण्ड धारिणीं धराविघात हारिणीम्।   गृहे गृहे निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम।। दरिद्र दु:ख हारिणीं सतां विभूति कारिणीम्।  वियोग शोक हारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्।। लसत्सुलोलचनां लतां सदा वरप्रदाम्।   कपाल शूलधारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्।। करे मुदा गदा धरां शिवां शिव प्रदायिनीम्।   वरावराननां शुभां भजामि विन्ध्यवासिनीम्।। ऋषीन्द्रजामिन प्रदां त्रिधास्य रूप धारिणिम्।  जले स्थले निवासिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्।। विशिष्ट सृष्टि कारिणीं विशाल रूप धारिणीम्।  महोदरां विशालिनीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्।। प्रन्दरा दिसेवितां मुरादि वंशखण्डिनीम्।   विशुद्ध बुद्धिकारिणीं भजामि विन्ध्यवासिनीम्।। यह भी पढ़ें :- दुर्गा आरती  जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी । लिंक:-  https://amritrahasya.blogspot.com/2021/06/durga-aartijai-ambe-gauri.html माँ विंध्यवशनी स्त्रोत्र  निशुम्भशुम्भमर्दिनीं प्रचण्डमुण्डखण्डिनीम्। वने रणे प्रकाशिनीं भजामि विन्ध्यवास

श्री कृष्णाष्टोत्तर शत नामावलि-Sri-Krishn-Ashtottar-Shatnamavali-ॐ कृष्णाय नमः-Om Krishnay Namh

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श्री कृष्णाष्टोत्तर शत नामावलि (Hindi/English) ॐ श्री कृष्णाय नमः                  Om Shri Krishnay Namh ॐ  श्री कमलानाथाय नमः                 Om Shri Kamlnathay Namh ॐ श्री वासुदेवाय नमः                 Om Shri Vasudevay Namh ॐ श्री सनातनाय नमः                 Om Shri Natnay Namh ॐ श्री वसुदेवात्मजाय नमः                  Om Shri Vasudevatmjay Namh ॐ श्री लीलामानुष विग्रहाय नमः                 Om Shri Lilamanus Vigrahay Namh  ॐ श्री यशोदावत्सलाय नमः                 Om ShriYashodavtslay Namh  ॐ श्री हरये नमः                 Om Shri Harye Namh  ॐ श्रीशाय नमः                  Om Shri Shrishay Namh ॐ श्री पुण्याय नमः                 Om Shri Punyay Namh ॐ श्रीवत्स कौस्तुभधराय नमः                 Om Shri Shrivats Kaustubhdharay Namh ॐ श्री चतुर्भुजात्त चक्रासिगदा नमः                 Om Shri Chaturbhujatt Chkrasigda Namh ॐ श्री शंखांद्युदायुधाय नमः                  Om Shri Shnkhandyudayudhay Namh ॐ श्री देवकीनंदनाय नमः                 Om Shri Devkinndanay Namh  ॐ श्री यमुना वेगसंह

श्री वेंकटेश्वर अष्टोत्तर शत नामावलि-Venkatesh Ashtotr Sat Namavali-ॐ श्री वेंकटेशाय नमः-Om Shri Venkateshay Namh

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श्री वेंकटेश्वर अष्टोत्तर शत नामावलि ॐ श्री वेंकटेशाय नमः                Om  Shri Venkateshay Namh ॐ श्रीनिवासाय नमः                 Om  Shrinivasay Namh ॐ लक्ष्मिपतये नमः                Om Lakshmiptaye Namh ॐ अनानुयाय नमः                  Om Ananuyay Namh ॐ अमृतांशने नमः                Om Amritanshne Namh ॐ माधवाय नमः                  Om Madhvay Namh ॐ कृष्णाय नमः                  Om Krishnay Namh  ॐ ज्ञानपंजराय नमः                  Om Gyanpnjray Namh ॐ जगद्वंद्याय नमः                  Om Jagdvandyay Namh ॐ श्रीहरये नमः                 Om Shrihraye Namh ॐ श्रीवत्स वक्षसे नमः                  Om Shrivats Vakshase Namh ॐ गोविंदाय नमः                 Om Govinday Namh ॐ प्रभवे नमः                  Om Prabhave Namh ॐ देवाय नमः                 Om Devay Namh ॐ शाश्वताय नमः                 Om Shasvtay Namh ॐ शेशाद्रिनिलायाय नमः                 Om Sheshadrinilayay Namh ॐ केशवाय नमः                 Om Keshvay Namh ॐ पद्मिनीप्रियाय नमः                 Om padminipriyay Namh ॐ गोपालाय

श्री रामाष्टोत्तर शत नामावलि Shri Ramshtottar Sht namavli-Om Sriramay Namh-Om

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श्री रामाष्टोत्तर शत नामावलि (hindi/English) ॐ श्रीरामाय नमः                Om Sriramay Namh ॐ रामभद्राय नमः                 Om Rambhadray Namh ॐ रामचंद्राय नमः                 Om Ramchandray Namh ॐ शाश्वताय नमः                  Om Shashvatay Namh ॐ राजीवलोचनाय नमः                  Om Rajivlochanay Namh ॐ श्रीमते नमः              Om Shrimate Namh ॐ राघवेंद्राय नमः              Om Raghavendray Namh ॐ रघुपुंगवाय नमः              Om Raghupungvay Namh ॐ जानकीवल्लभाय नमः              Om Janakivallbhay Namh ॐ जैत्राय नमः               Om Jaitray Namh ॐ जितामित्राय नमः              Om Jitamitray Namh ॐ जनार्धनाय नमः               Om Janardhanay Namh ॐ विश्वामित्रप्रियाय नमः                 Om Vishvamitrpriyay Namh ॐ शरणत्राणतत्पराय नमः              Om Sharn trantat pray Namh ॐ वाङ्मिने नमः              Om Vanmine Namh ॐ सत्यविक्रमाय नमः              Om Satyvikramay Namh ॐ दांताय नमः             Om Dantay Namh ॐ वालिप्रमथनाय नमः             Om Valipramthanay Namh ॐ सत्यवाचे नमः    

लक्ष्मी नृसिंह करावलंब स्तोत्रम् Lakshmi Nrishimh Kravlamb Strotram

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लक्ष्मी नृसिंह करावलंब स्तोत्रम् श्रीमत्पयोनिधि निकेतन चक्रपाणे भोगींद्र भोगमणि राजित पुण्यमूर्ते ।      योगीश शाश्वत शरण्य भवाब्धि पोत लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 1 ॥ ब्रह्मेंद्र रुद्रम रुदर्क किरीट कोटि संघ ट्टितांघ्रि कमला मलकांति कांत ।      लक्ष्मी लसत्कुच सरोरुह राजहंस लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 2 ॥ संसार दाव दहनाकर भीकरोरु ज्वाला वलीभिरति दग्धतनू रुहस्य ।      त्वत्पाद पद्म सरसी रुह मागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 3 ॥ संसार जाल पतित तस्य जगन्निवास सर्वेंद्रियार्थ बडिशाग्र झषोपमस्य ।      प्रोत्कंपित प्रचुरतालुक मस्तकस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 4 ॥ संसार कूमपतिघोर मगाध मूलं संप्राप्य दुःख शत सर्प समाकुलस्य ।      दीनस्य देव कृपया पदमागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 5 ॥ संसार भीकर करींद्र कराभिघात निष्पीड्य मानव पुषः सकलार्तिनाश ।      प्राण प्रयाण भवभीति समा कुलस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 6 ॥ संसार सर्प विष दिग्ध महोग्रतीव्र दंष्ट्राग्र कोटि परिदष्ट विनष्ट मूर्तेः ।      नागारि वाहन सुधाब्धि निवास शौरे लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावल