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वेंकटेश सुप्रभातम-कौसल्या सुप्रजा राम-Sri Venkatesh Suprbhatm-Kausalya Suprja Ram Purvasndhya Prvartate।

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    वेंकटेश सुप्रभातम (हिन्दी/English)   कौसल्या सुप्रजा राम पूर्वासंध्या प्रवर्तते ।     उत्तिष्ठ नरशार्दूल कर्तव्यं दैवमाह्निकम् ॥ उत्तिष्ठोत्तिष्ठ गोविंद उत्तिष्ठ गरुडध्वज ।     उत्तिष्ठ कमलाकांत त्रैलोक्यं मंगलं कुरु ॥ मातस्समस्त जगतां मधुकैटभारेः, वक्षोविहारिणि मनोहर दिव्यमूर्ते ।     श्रीस्वामिनि श्रितजनप्रिय दानशीले, श्री वेंकटेश दयिते तव सुप्रभातम् ॥ तव सुप्रभातमरविंद लोचने, भवतु प्रसन्नमुख चंद्रमंडले ।     विधि शंकरेंद्र वनिताभिरर्चिते, वृश शैलनाथ दयिते दयानिधे ॥ अत्र्यादि सप्त ऋषयस्समुपास्य संध्यां, आकाश सिंधु कमलानि मनोहराणि ।     आदाय पादयुग मर्चयितुं प्रपन्नाः, शेषाद्रि शेखर विभो तव सुप्रभातम् ॥ पंचाननाब्ज भव षण्मुख वासवाद्याः, त्रैविक्रमादि चरितं विबुधाः स्तुवंति ।     भाषापतिः पठति वासर शुद्धि मारात्, शेषाद्रि शेखर विभो तव सुप्रभातम् ॥ ईशत्-प्रफुल्ल सरसीरुह नारिकेल, पूगद्रुमादि सुमनोहर पालिकानाम् ।     आवाति मंदमनिलः सहदिव...