जय राम रमा रमनं समनं ।Jai Ram Rma Ramnan Samnan-Manas Stuti।
जय राम रमा रमनं समनं (हिन्दी/English)
॥ छन्द: ॥
जय राम रमा रमनं समनं । भव ताप भयाकुल पाहि जनम ॥
अवधेस सुरेस रमेस बिभो । सरनागत मागत पाहि प्रभो ॥
दससीस बिनासन बीस भुजा । कृत दूरी महा महि भूरी रुजा ॥
रजनीचर बृंद पतंग रहे । सर पावक तेज प्रचंड दहे ॥
महि मंडल मंडन चारुतरं । धृत सायक चाप निषंग बरं ॥
मद मोह महा ममता रजनी । तम पुंज दिवाकर तेज अनी ॥
मनजात किरात निपात किए । मृग लोग कुभोग सरेन हिए ॥
हति नाथ अनाथनि पाहि हरे । बिषया बन पावँर भूली परे ॥
बहु रोग बियोगन्हि लोग हए । भवदंघ्री निरादर के फल ए ॥
भव सिन्धु अगाध परे नर ते । पद पंकज प्रेम न जे करते॥
अति दीन मलीन दुखी नितहीं । जिन्ह के पद पंकज प्रीती नहीं ॥
अवलंब भवंत कथा जिन्ह के । प्रिय संत अनंत सदा तिन्ह के ॥
नहीं राग न लोभ न मान मदा । तिन्ह के सम बैभव वा बिपदा ॥
एहि ते तव सेवक होत मुदा । मुनि त्यागत जोग भरोस सदा ॥
करि प्रेम निरंतर नेम लिएँ । पड़ पंकज सेवत सुद्ध हिएँ ॥
सम मानि निरादर आदरही । सब संत सुखी बिचरंति मही ॥
मुनि मानस पंकज भृंग भजे । रघुबीर महा रंधीर अजे ॥
तव नाम जपामि नमामि हरी । भव रोग महागद मान अरी ॥
गुण सील कृपा परमायतनं । प्रणमामि निरंतर श्रीरमनं ॥
रघुनंद निकंदय द्वंद्वघनं । महिपाल बिलोकय दीन जनं ॥
सीता राम, सीता राम, सीता राम, जय सीता राम ॥
॥ दोहा ॥
बार बार बर मागऊँ हरषी देहु श्रीरंग।
पद सरोज अनपायनी भगति सदा सतसंग॥
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों ।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो ।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली ।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली ।।
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राम मंत्र
नीलाम्बुज श्यामल कोमलांगम्, सीता समारोपित वामभागम्।
पाणौ महासायक चारु चापम्, नमामि रामं रघुवंश नाथम्।।
यह भी पढ़े श्री तुलसीदास जी द्वारा रचित मानस स्तुति ।भए प्रगट कृपाला दीनदयाला (हिन्दी भावार्थ सहित )। लिंक :- https://amritrahasya.blogspot.com/2021/06/bhaye-pragat-kripala-din-dayal.html
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॥ Chhand ॥
Jai Ram Rma Ramnan Samnan । Bhav Tap Bhyakul Pahi Janam ॥ Awadhes Suresh Ramesh Bibho ।Sarnagt Magt Pahi Prabho ॥
Dassis Binasan Bees Bhuja ।Krit Duri Mha Mahi Bhuri Ruja ॥ Rajnichar Brind Patng Rahe ।Sar Pavk Tej Prachnd Dahe ॥
Mahi Mandal Mandan Charutrn ।Dhrit Sayak Chap Nishang Barn ॥ Md Moh Mha Mamta Rajni ।Tm Punj Diwakar Tej Ani ॥
Manjat Kirat Nipat Kiye । Mrig Log Kubhog Saren Hiye ॥ Hti Nath Anathni Pahi Hare । Bishya Bn Pavnr Bhuli Pare ॥
Bahu Rog Biyognhi Log Hye । Bhavdnghri Niradr Ke Phal E ॥ Bhav Sindhu Agadh Pare Nar Te । Pad Pankaj Prem Na Je Karte ॥
Ati Deen Maleen Dukhi Nitahin । Jinh Ke Pd Pankaj Preeti Nahin ॥ Avlamb Bhavnt Ktha Jinh Ke । Priy Sant Anant Sda Tinh Ke ॥
Nahin Raag N Lobh N Maan Mda । Tinh Ke Sam Baibhav Va Bipda ॥ Ehi Te Tav Sevak Hot Muda । Muni Tyagt Jog Bharos Sda ॥
Kari Prem Nirntar Nem Liyen । Pad Pankaj Sewat Suddh Hiyen ॥ Sam Mani Niradr Aadarhi । Sab Sant Sukhi Bicharnti Mahi ॥
Muni Manas Pankaj Bhring Bhaje । Raghubir Mha Randhir Aje ॥ Tav Nam Jpami Nmami Hari । Bhav Rog Mahagad Man Ari ॥
Gun Seel Kripa Pramayatnm । Pranmami Nirntar Shriramnm॥ Raghunnd Nikanday Dwandwghnan । Mahipal Bilokay Deen Janm ॥
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