श्री विष्णु अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्-Vishnu Ashtottr Sat Nam Stotram-Vasudevm HrishiKeshm Vamanm

॥ श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनामस्तोत्रम् ॥ (Hindi/English)

वासुदेवं हृषीकेशं वामनं जलशायिनम् ।
        जनार्दनं हरिं कृष्णं श्रीवक्षं गरुडध्वजम् ॥ 1 ॥

वाराहं पुंडरीकाक्षं नृसिंहं नरकांतकम् ।
        अव्यक्तं शाश्वतं विष्णुमनंतमजमव्ययम् ॥ 2 ॥

नारायणं गदाध्यक्षं गोविंदं कीर्तिभाजनम् ।
        गोवर्धनोद्धरं देवं भूधरं भुवनेश्वरम् ॥ 3 ॥

वेत्तारं यज्ञपुरुषं यज्ञेशं यज्ञवाहनम् ।
        चक्रपाणिं गदापाणिं शंखपाणिं नरोत्तमम् ॥ 4 ॥

वैकुंठं दुष्टदमनं भूगर्भं पीतवाससम् ।
        त्रिविक्रमं त्रिकालज्ञं त्रिमूर्तिं नंदकेश्वरम् ॥ 5 ॥

रामं रामं हयग्रीवं भीमं रॊउद्रं भवोद्भवम् ।
        श्रीपतिं श्रीधरं श्रीशं मंगलं मंगलायुधम् ॥ 6 ॥

दामोदरं दमोपेतं केशवं केशिसूदनम् ।
        वरेण्यं वरदं विष्णुमानंदं वासुदेवजम् ॥ 7 ॥

हिरण्यरेतसं दीप्तं पुराणं पुरुषोत्तमम् ।
        सकलं निष्कलं शुद्धं निर्गुणं गुणशाश्वतम् ॥ 8 ॥

हिरण्यतनुसंकाशं सूर्यायुतसमप्रभम् ।
        मेघश्यामं चतुर्बाहुं कुशलं कमलेक्षणम् ॥ 9 ॥

ज्योतीरूपमरूपं च स्वरूपं रूपसंस्थितम् ।
        सर्वज्ञं सर्वरूपस्थं सर्वेशं सर्वतोमुखम् ॥ 10 ॥

ज्ञानं कूटस्थमचलं ज्ञ्हानदं परमं प्रभुम् ।
        योगीशं योगनिष्णातं योगिसंयोगरूपिणम् ॥ 11 ॥

ईश्वरं सर्वभूतानां वंदे भूतमयं प्रभुम् ।
        इति नामशतं दिव्यं वैष्णवं खलु पापहम् ॥ 12 ॥

व्यासेन कथितं पूर्वं सर्वपापप्रणाशनम् ।
        यः पठेत् प्रातरुत्थाय स भवेद् वैष्णवो नरः ॥ 13 ॥

सर्वपापविशुद्धात्मा विष्णुसायुज्यमाप्नुयात् ।
        चांद्रायणसहस्राणि कन्यादानशतानि च ॥ 14 ॥

गवां लक्षसहस्राणि मुक्तिभागी भवेन्नरः ।
        अश्वमेधायुतं पुण्यं फलं प्राप्नोति मानवः ॥ 15 ॥

॥ इति श्रीविष्णुपुराणे श्री विष्णु अष्टोत्तर शतनास्तोत्रम् ॥

Vasudevm Hrishikeshm Vamanm Jalashyinm ।
        Jnardanm Harim Krishnm Srivakshm Garuddhvajm ॥ 1 ॥

Varahm Pundarikakshm Nrisinhm Narkantakm ।
        Avyaktm Shasvatm Vishnu Mannt Maj Mavyaym ॥ 2 ॥

Narayanm gadadhyakshm govindm kirtibhajanm ।
        Govardhnoddharm Fevm Bhudharm Bhuvanesvarm ॥ 3 ॥

Vettarm Yagypurushm Yagyeshm Yagyvahanm ।
        Chakrapanim gdapadim Shankhpadim Narottamm ॥ 4 ॥

Vaikunthm dushtdamanm bhugarbhm pitvasasm ।
        Trivikramm trikalagyam trimurtim nandkeshvarm ॥ 5 ॥

Ramm Ramm Hayagrivm Bhimm Roudrm Bhavodbhavm ।
        Sripatim Sridharm Srishm Mngalm Manglayudhm ॥ 6 ॥

Damodarm Damopetm Keshavm Keshisudanm ।
        Varenym Vardm Vishnumanndm Vasudevajm ॥ 7 ॥

Hirany Retasm Diptm Puranm Purushottamm ।
        Sakalm Nishkalm Shuddhm Nirgunm Gunshashvatm ॥ 8 ॥

Hirany Tanu Snkshm Surya Yut Samprabhm ।
        Meghshyamm Chaturbahum Kushalm Kamlekshnm ॥ 9 ॥

Jyoti Rupam Rupm Ch Svarupm Rupasansthitm ।
        Sarvagym Sarv Rupasthm Sarveshm Sarv Tomukhm ॥ 10 ॥

Gyanm Kut Sthamachalm Gyhanadm Paramm Prabhum ।
        Yogishm Yog Nishnatm Yogi Sanyog Rupinm ॥ 11 ॥

Ishvarm Sarv Bhutanam Vande Bhutamaym Prabhum ।
        Iti Namashatm Divym Vaishnvm Khalu Papahm ॥ 12 ॥

Vyasen Kathitm Purvm Sarv Pap Pranashanm ।
        Yah Pathet Pratarutthay S Bhaved Vaishnvo Narh ॥ 13 ॥

Sarv Pap Visuddhatma Vishnu Sayujy Mapnuyat ।
        Chandrayn Sahastrani Kanyadan Satani ch ॥ 14 ॥

Gvam Lakssahstrani Muktibhagi Bhavennarh ।
        Asvamedhayutm Punym Phalm Prapnoti Manavh ॥ 15 ॥

॥ iti Srivishnupurane Sri Vishnu Astottar ShatnaStotrm ॥

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