श्री कृष्णमधुराष्टकम।अधरं मधुरं वदनं मधुरं।Sri Krishn Madhurashtkm- Adharm Madhurm Vadanam Madhuram।

श्री कृष्णमधुराष्टकम(hindi/hindi Bhavarth/English)

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् | 
    हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||

वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम् |
     चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||

वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ | 
    नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||

गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम् | 
    रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||

करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं स्मरणं मधुरम् |
     वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||

गुञ्जा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा | 
    सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||

गोपि मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं भुक्तं मधुरम् |
     दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||

गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा | 
    दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||

||श्री कृष्ण ध्यानम् ||
वंशी विभूषित करान्नवनीर दाभात् पीतांबरा दरुण बिम्ब फला धरोष्ठात् |
    पूर्णेन्दु सुंदर मुखादर विंद नेत्रात् कृष्णात् परम् किमपि तत्त्वमहम् न जाने ||

||श्री परमतत्व ध्यानम् ||
कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने नमः |
    परतः क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः ||


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लिंक :- https://amritrahasya.blogspot.com/2021/06/achyutam-keshavam-ramnarayanam.html

मधुराष्टकम् हिंदी भावार्थ :-

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरम् | 
    हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||
    भावार्थ :-श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है. उनके होठ मधुर हैं, मुख मधुर है, आंखें मधुर हैं, हास्य मधुर है. हृदय मधुर है, गति भी गति मधुर है|

वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरम् |
     चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||
    भावार्थ :- उनके वचन मधुर हैं, चरित्र मधुर हैं, वस्त्र मधुर हैं, अंगभंगी मधुर है. चाल मधुर है और भ्रमण भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है|

वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ | 
    नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||
    भावार्थ :- उनका वेणु मधुर है, चरण की धूल मधुर है, करकमल मधुर है, चरण मधुर है. नृत्य मधुर है, सख्य भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है|

गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरम् | 
    रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||
    भावार्थ :- उनका गान मधुर है, पान मधुर है, भोजन मधुर है, शयन मधुर है. रूप मधुर है, तिलक भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है|

करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं स्मरणं मधुरम् |
     वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||
    भावार्थ :- उनका कार्य मधुर है, तैरना मधुर है, हरण मधुर है, रमण मधुर है, उद्धार मधुर है और शांति भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है|

गुञ्जा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा |
    सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||
    भावार्थ :- उनकी गुंजा मधुर है, माला मधुर है, यमुना मधुर है, उसकी तरंगें मधुर हैं, उसका जल मधुर है और कमल भी मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है|

गोपि मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं भुक्तं मधुरम् |
     दृष्टं मधुरं शिष्टं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||
    भावार्थ :- गोपियां मधुर हैं, उनकी लीला मधुर है, उनका संयोग मधुर है, वियोग मधुर है, निरीक्षण मधुर है और श‍िष्टाचार मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है|

गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा | 
    दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपतेरखिलं मधुरम् ||
    भावार्थ :- गोप मधुर हैं, गौएं मधुर हैं, लकुटी मधुर है, रचना मधुर है, दलन मधुर है और उसका फल भी अति मधुर है. श्रीमधुराधिपति का सभी कुछ मधुर है|

यह भी पढ़े श्री तुलसीदास जी द्वारा रचित मानस स्तुति 
जय जय सुरनायक जन सुखदायक प्रनतपाल भगवंता (हिन्दी भावार्थ सहित )
लिंक :- https://amritrahasya.blogspot.com/2020/12/manas-stuti.html

MADHURASHTAKAM

Adharam Madhuram Vadanam Madhuram, Nayanam Madhuram Hasitam Madhuram ।
    Hridayam Madhuram Gamanam Madhuram,  Madhuradhipate Rakhilam Madhuram ॥

Vachanam Madhuram Charitam Madhuram, Vasanam Madhuram Valitam Madhuram ।
    Chalitam Madhuram Bhramitam Madhuram, Madhuradhipate Rakhilam Madhuram ॥

Venur Madhuro Renur Madhurah, Panir Madhurah Padau Madhurau ।
    Nrityam Madhuram Sakhyam Madhuram, Madhuradhipate Rakhilam Madhuram ॥ 

Gitam Madhuram Pitam Madhuram, Bhuktam Madhuram Suptam Madhuram ।
    Rupam Madhuram Tilakam Madhuram, Madhuradhipate Rakhilam Madhuram ॥

Karanam Madhuram Taranam Madhuram,  Haranam Madhuram Smaranam Madhuram ।
    Vamitam Madhuram Samitam Madhuram, Madhuradhipate Rakhilam Madhuram ॥ 

Gunja Madhura Mala Madhura, Yamuna Madhura vichi Madhura ।
    Salilam Madhuram kamalam Madhuram, Madhuradhipate Rakhilam Madhuram ॥

Gopi Madhura lila Madhura, Yuktam Madhura Muktam Madhura ।
    Drstam Madhuram Sistam Madhuram, Madhuradhipate Rakhilam madhuram ॥

Gopa Madhura Gavo Madhura, Yastir Madhura Srstir Madhura ।
    Dalitam Madhuram Phalitam Madhuram, Mdhuradhipate Rakhilam Madhuram ॥

मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों ।
        करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो ।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली ।
        तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली ।।

राम मंत्र
    पाणौ महासायक चारु चापम्, नमामि रामं रघुवंश नाथम्।।
            नीलाम्बुज श्यामल कोमलांगम्, सीता समारोपित वामभागम्।

यह भी पढ़े श्री तुलसीदास जी द्वारा रचित मानस स्तुति भए प्रगट कृपाला दीनदयाला (हिन्दी भावार्थ सहित )
    लिंक:-https://amritrahasya.blogspot.com/2021/06/bhaye-pragat-kripala-din-dayal.html

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