प्रार्थना स्तुति।Prathna Stuti-हे नाथ, मुझमें शबरी जैसा धैर्य नहीं-He Nath Mujhmen Shabri Jaisa Dhairy Nahi

हे नाथ, मुझमें शबरी जैसा धैर्य नहीं , 
कि मैं सालों साल आपकी प्रतीक्षा कर सकूँ ।

हे नाथ, मुझमें केवट जैसी चतुराई नहीं  कि
         मैं आपकी चरण सेवा कर सकूँ ।

हे नाथ, मुझमें गजेंद्र जैसी बुद्धि नही  कि 
        मैं आपकी स्तुति गायन कर सकूँ ।

हे नाथ, मुझमें विदुर जैसी सरलता नहीं ,
         कि मैं अनासक्त रह सकूँ ।

हे नाथ, मुझमें सुदामा जैसा समर्पण नहीं ,
         कि मैं सदा आपको भजता रह सकूँ ।

हे मेरे नाथ, मैं सबसे दीन हीन और कलयुग के समस्त दोषों से भरा जीव हूँ ।

फिर भी, मैं जैसा भी हूँ आपका हूँ ।
         मेरा आपके सिवा और कौन है ।

हे दीनदयाल,हे दीनानाथ
        मुझ पर कृपा करो, कृपा करो,कृपा करो ।।

      🙏🏻जय श्रीमन्नारायण🙏🏻

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