प्रार्थना स्तुति।Prathna Stuti-हे नाथ, मुझमें शबरी जैसा धैर्य नहीं-He Nath Mujhmen Shabri Jaisa Dhairy Nahi

हे नाथ, मुझमें शबरी जैसा धैर्य नहीं , 
कि मैं सालों साल आपकी प्रतीक्षा कर सकूँ ।

हे नाथ, मुझमें केवट जैसी चतुराई नहीं  कि
         मैं आपकी चरण सेवा कर सकूँ ।

हे नाथ, मुझमें गजेंद्र जैसी बुद्धि नही  कि 
        मैं आपकी स्तुति गायन कर सकूँ ।

हे नाथ, मुझमें विदुर जैसी सरलता नहीं ,
         कि मैं अनासक्त रह सकूँ ।

हे नाथ, मुझमें सुदामा जैसा समर्पण नहीं ,
         कि मैं सदा आपको भजता रह सकूँ ।

हे मेरे नाथ, मैं सबसे दीन हीन और कलयुग के समस्त दोषों से भरा जीव हूँ ।

फिर भी, मैं जैसा भी हूँ आपका हूँ ।
         मेरा आपके सिवा और कौन है ।

हे दीनदयाल,हे दीनानाथ
        मुझ पर कृपा करो, कृपा करो,कृपा करो ।।

      🙏🏻जय श्रीमन्नारायण🙏🏻

टिप्पणियाँ

अमृत रहस्य, अमृत ज्ञान,

हिंदी गिनती 01 To 100 Numbers Hindi and English Counting ginti

समुद्र मंथन की कथा।Samudra Manthan katha।

बाल समय रवि भक्षी लियो तब। HANUMAN ASHTAK- Bal Samay Ravi Bhakchhi Liyo Tab।हनुमान अष्टक ।

विनय पत्रिका-101 | जाऊँ कहाँ तजी चरण तुम्हारे | Vinay patrika-101| पद संख्या १०१

विनय पत्रिका-114।माधव! मो समान जग माहीं-Madhav! Mo Saman Jag Mahin-Vinay patrika-114।

विनय पत्रिका-124-जौ निज मन परिहरै बिकारा-Vinay patrika-124-Jau Nij Man Pariharai Bikara

विनय पत्रिका-102।हरि! तुम बहुत अनुग्रह किन्हों।Vinay patrika-102।Hari! Tum Bahut Anugrah kinho।

श्री वेंकटेश्वर स्तोत्रम् Venkatesh Strotram-कमलाकुच चूचुक कुंकमतो-Kamlakuch Chuchuk Kumkmto

विनय पत्रिका-90।ऐसी मूढ़ता या मनकी।Vinay patrika-90।Aisi Mudhta Ya Manki।

गरुड़जी एवं काकभुशुण्डि संवाद Garud - Kakbhushundi Samvad